सच में टाइमट्रावेल होता तो ये सब नहीं होता
टाइमट्रावेल के चौंकादेनेवाली बातें
आज में आपको एसी बाते बतानेवाला हु जिसे सुनकर आप कहेंगे की हा यही सच है |
यह बाते तो मेने सोची ही नहीं थी |
इन्सान के दिमाग का 90 प्रतिसत भाग सोंचने में लगा रहता हे सिर्फ दस प्रतिसत ही प्रैक्टिकल करवाता
हे| जन्म और मुत्यु हम सोंच में फस जाते हे उसमे तीन चीज कोमन होती हे, इन्सान का उदभव कैसे हुआ ,
यंत्रो के आविस्कार कैसे हुए और चमत्कार कैसे होते हे, हम लोग पूरी जिंदगी सौचने में बिता देते है| R.K
रिसर्च से साबित है की हर इन्सान सिर्फ 15 प्रतिसत ही अपनी जिंदगी जीता हे बाकि 85 प्रतिसत सौचना,
सपने देखना, मुसीबत में,डरने और खाने में बिताता है|
समय एक एसी वास्तु हे जिसे नहीं रोका जाता हे और नहीं इसमें गति दे सकते है| इन्सान के जीवन में एक
समय ही एसा हे जो बिना रुके और बिना थके अपना कार्य करता है|
टाइमट्रावेल सच हे और टाइममशीन भी बनी हुई हे लेकिन मेरा मानना यह हे की टाइमट्रावेल जेसी कोई भी
चीज इस दुनिया में मौजूद नहीं है | हम सिर्फ एसा सौच सकते हे, सपने देख सकते हे और इस पर फिल्म बना
सकते है | कई वैज्ञानिको ने टाइममशीन बनाने की कोसिस भी की है पर साडी नाकाम क्यों , क्योंकि दोस्तों
टाइमट्रावेल सच होता तो लोग भगवान, अल्लाह और जीजस को भी मिलकर आते |
हमारा भारत देश गुलामी से पहले ही आजाद हो जाता, पुराने राजाओ को मारकर भविष्य से आए हुए लोग
ही राजा बन जाते, बल्ब का आविष्कार एक ही सेकंड में हो जाता |
जब लोग धु्डसवारी करते थे तब अेरोप्लेन भी बन जाता | इतिहास के महान लोग आइन्स्टाइन, श्रीनिवास रामानुजन, डो. बाबा साहेब आम्बेडकर, गांधीजी, राईट ब्रधर्स और कई सारे लोगो को हम मिलकर आते |
पर दोस्तों एसा नहीं हे, ये सच ही नहीं हो सकता हम भला आयरन का एक यंत्र बनाकर उसमे बैठ कर
थोड़ी आगे या पीछे जा सकते है, अगर हम एसा मानते ही की टाइमट्रावेल जेसी चीज हे तो हम पागल हे,
हा हमें हररोज मेडिटेशन कर के अपने आंतरिक सूक्ष्म शरीर द्वारा पीछे क्या हुआ था और आगे क्या
होनेवाला हे वो पता लगा सकते है, मेरी माने तो टाइमट्रावेल फिल्म में ही सही है |
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